नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा है कि केंद्र की जेडीयू-बीजेपी की एनडीए सरकार संयुक्त सचिव व निदेशक के पद पर लैटरल निवेश कर रही है। इस माध्यम से चुनिंदा लोगों की भर्ती असंवैधानिक कदम है। एक ओर लाखों युवा यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए सालों दिन रात मेहनत करते हैं तो दूसरी ओर ऐसे युवाओं की मेहनत और परीक्षा की कठिन प्रक्रिया को धता बताते हुए उन्हीं की सरकार पिछले दरवाजे से सत्ता के करीबी लोगों को सिस्टम का हिस्सा बना रही है।
शनिवार को जारी बयान में तेजस्वी ने कहा कि अगर लैटरल इंट्री के द्वारा संयुक्त सचिव या निदेशक बनाए जाने वाले अभ्यर्थी वास्तव में योग्य हैं तो यूपीएससी की परीक्षा की कसौटी पर उन्हें साझा करने में क्या आपत्ति है। सरकार ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में ऐसे अभ्यर्थियों को ‘योग्य, तत्पर और राष्ट्र निर्माण को इच्छुक नागरिक’ बताया है तो क्या ये अभयर्थी ‘राष्ट्र सेवा’ के लिए एक परीक्षा की तैयारी नहीं कर सकते।
तेजस्वी यादव ने सवाल पूछा कि क्या सामान्य प्रक्रिया से उत्तीर्ण होने वाले अभ्यर्थियों की तत्परता, योग्यता या राष्ट्र निर्माण करने की इच्छा या लोक सेवा आयोग की प्रक्रिया को लेकर सरकार को शंका है। अगर सरकार के लिए ऐसे निजी क्षेत्र में कार्यरत लोगों की भागीदारीिता वास्तव में अपरिहार्य है तो क्या सारी योग्यता निजी क्षेत्र के लोगों में ही है।
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