माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने आरोप लगाया है कि सरकार किसानों के साथ देश के दुश्मन जैसा व्यवहार कर रही है।]मांगें नहीं मानी गईं तो किसान आंदोलन और तेज होगा। तीनों कृषि कानूनों के साथ बिजली विधेयक 20 की वापसी के बिना कोई समझौता नहीं हो सकता है। पार्टी की राष्ट्रीय कमेटी की बैठक गुरुवार से दो दिन पटना में चलेगी। उस बैठक में भी किसानों की समस्या पर चर्चा होगी। साथ ही आगे की रणनीति भी बनेगी।
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पटना कार्यालय में बुधवार को प्रेस वार्ता में दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि माले की राष्ट्रीय कमेटी की बैठक 3 और चार दिसंबर को होगी। इस बैठक में बिहार चुनाव की समीक्षा होगी साथ ही बंगाल और अन्नाडू में होने वाले चुनाव की रणनीति बनेगी। भाजपा के व्यक्तियोंे बंगाल जाने से रोकन की ठोस नीति पर पार्टी काम कर रही है। इसके अलावा छह से 11 दिसंबर तक देशभर में संविधान बचाओ-देश बचाओ आंदोलन चलेगा। 9 दिसंबर को बिहार के माले विधायकों का सम्मान कार्यक्रम कोलकाता में होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का अपमान भी कर रही है। वार्ता पर बुलाकर खुद प्रधानमंत्री गायब हो जाते हैं। उनकी शिक्षा से लेकर पहनावा पर भी सवाल उठाया जा रहा है। बिहार के माले विधायक दिल्ली जाएं किसानों से बात कर रहे हैं। अगर आंदोलन आगे चला तो दूसरे राज्यों से भी किसान दिल्ली कूच करेंगे।
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